
चमोली आपदा में कितनी मौतें!
hys_adm | February 7, 2021 | 1 | देश-दुनिया , नया-ताजा , पर्यावरण , पहाड़ की बात
उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से आई आपदा के बाद क्या स्थिति है, इसकी सही जानकारी सामने आई है। उत्तराखंड सरकार ने रविवार शाम को आधिकारिक आंकड़े जारी किए हैं।
देहरादून सचिवालय स्थित उत्तराखंड सरकार के आपातकालीन परिचालन केंद्र से जारी जानकारी के अनुसार रविवार शाम तक की स्थिति इस प्रकार है।
धौलीगंगा एवं ऋषिगंगा का अचानक जलस्तर बढ़ जाने के कारण बांध क्षतिग्रस्त हो गया। घटना स्थल रैणी गांव और तपोवन है। रैणी गांव, जुगजु भंजु (जोशीमठ) के समीप ऋषिगंगा हाइड्रो प्रोजेक्ट क्षतिग्रस्त हुआ है। घटना का कारण ग्लेशियर टूटना बताया गया है।
अब तक सात शव निकाले जा चुके हैं। लगभग 170 लोग लापता हैं। लापता लोगों में 22 ऋषिगंगा प्रोजेक्ट के और 148 एनटीपीसी प्रोजेक्ट से जुड़े वर्कर बताए गए हैं। छह लोग घायल हुए हैं। पांच पुल पूरी तरह से बह गए हैं। इसमें विष्णुप्रयाग पुल भी टूटा है। एडिट टनल में फंसे 12 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है। जबकि मैन टनल में 30 मजदूर फंसे हुए हैं।

National Disaster Response Force राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की दो टीमें यहां रेस्क्यू के लिए भेजी गई हैं। Indo-Tibetan Border Police (ITBP आईटीबीपी) की कई टीमें यहां राहत और बचाव कार्य में लगी हैं। इसमें आईटीबीपी के छह अधिकारी और 250 जवान के साथ एक टीम, आईटीबीपी की आठवीं बटालियन के 45-45 जवानों की दो टीमें, आईटीबीपी 23वीं बटालियन के 100 जवानों की एक टीम यहां राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है। इसके अलावा एसएसबी, एसडीआरएफ की टीमें भी यहां रेस्क्यू कर रही हैं। सेना के करीब 350 जवानों और अफसरों की टीम भी मदद के लिए तैयार है। जोशीमठ स्थित सेना के हेलीपैड सक्रिय है। इसमें तीन चॉपर तैनात हैं। सेना की मेडिकल टीम मौके पर अलर्ट है। एयरफोर्स के दो एमआई 17 और एक सी 70 विमान राहत दल को लेकर जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचा है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को चार लाख रुपए का मुआवजा देने की भी घोषणा की।