हौसला: उत्तराखंड सेना को अफसर देने में अव्वल

हौसला: उत्तराखंड सेना को अफसर देने में अव्वल

hys_adm | December 9, 2022 | 1 | देश-दुनिया

देहरादून। उत्तराखंड जनसंख्या और क्षेत्रफल में छोटा राज्य भले ही हो, लेकिन सेना को लेकर यहां के युवाओं का हौसला बुलंद है। यही वजह है कि देश के कई बड़े राज्यों को पछाड़ कर उत्तराखंड हर बार देश को सैन्य अफसर देने में अव्वल आ रहा है। देहरादून स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से पासआउट होकर 10 दिसंबर को 314 कैडेट भारतीय सेना में अफसर बन रहे हैं। इनमें उत्तराखंड के 29 कैडेट भारतीय सेना में अफसर बनेंगे। सबसे ज्यादा यूपी के 51 कैडेट सैन्य अफसर बनेंगे, लेकिन यूपी और उत्तराखंड की आबादी की तुलना करें तो सेना अफसर देने में उत्तराखंड की भागेदारी कहीं अधिक है।

आईएमए देहरादून में पीओपी से पहले होने वाली कमांडेंट परेड का नजारा।

आईएमए में 10 दिसंबर 2022 को होने वाली पासिंग आउट परेड (पीओपी) में कुल 344 जेंटलमैन कैडेट्स पास आउट होंगे। इसमें 11 मित्र देशों के 30 विदेशी कैडेट भी आईएमए से कड़ा प्रशिक्षण लेकर अपनी-अपनी सेना का हिस्सा बनेंगे। देश के प्रतिष्ठित सैन्य संस्थान आईएमए से पास आउट होकर जेंटलमैन कैडेट बतौर लेफ्टिनेंट भारतीय सेना की मुख्य धारा से जुड़ेंगे। देश के अलग-अलग हिस्सों में देश की सेवा के लिए तैनात होंगे। आईएमए से यह 151वां रेगुलर और 134वां टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स का बैच पास आउट होगा। इसमें सबसे ज्यादा यूपी से 51 कैडेट पास आउट होंगे। दूसरे नंबर पर रहते हुए हरियाणा से 30 कैडेट पासआउट होंगे। तीसरे नंबर पर उत्तराखंड से 29 युवा भारतीय सेना में शामिल होंगे। 248 जेंटलमैन कैडेट देने वाला बिहार चौथे स्थान पर रहा। पंजाब (21) और महाराष्ट्र (21) पांचवें स्थान पर रहे।

आईएमए में परेड की सलामी लेते सैन्य अफसर।

पड़ोसी राज्य हिमाचल से 17 युवा सैन्य अफसर बनेंगे। जबकि भौगोलिक और जनसंख्या की दृष्टि से हिमाचल और उत्तराखंड एक जैसे हैं। इसके बाद भी सेना को अफसर देने में उत्तराखंड का प्रदर्शन हिमाचल से कहीं बेहतर है। पर्वतीय राज्य उत्तराखंड की युवा पीढ़ी दर पीढ़ी सैन्य परंपरा को आगे बढ़ा रही है। देखा जाए तो कई बड़े राज्यों को पछाड़ते हुए एक बार फिर उत्तराखंड सेना को अफसर देने में अव्वल रहा है। आबादी के हिसाब से उत्तराखंड देश में 20वें स्थान पर है। ऐसे में उत्तराखंड सैन्य अफसर देने में कई बड़े राज्यों से कहीं आगे है। बिहार, राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य पीओपी में कैडेटों के संख्या के हिसाब से उत्तराखंड से पीछे हैं। बता दें कि भारतीय सैन्य अकादमी में साल में दो पासिंग आउट परेड आयोजित होती हैं। पहली पीओपी जून के दूसरे शनिवार और दूसरी परेड दिसंबर के दूसरे शनिवार को आयोजित होती है।

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