
‘बाखली’ : पहाड़ी परिवेश में आनंद का अनुभव
hys_adm | October 3, 2020 | 0 | घुम्मकड़ी , पर्यटन
यदि आप उत्तराखण्ड की प्रकृति, संस्कृति और समाज को समझना चाहते हैं तो आपके लिये एक अच्छी खबर है। जी हां, अब आप सरकारी होम स्टे ‘बाखली’ में रूककर चमोली के गांव, संस्कृति, खानपान का आनंद ले सकते हैं।

उत्तराखण्ड में होम स्टे की बहुत संभावनायें हैं। यहां की नदियों, पहाड़, झरनों जंगलों और खेती-किसानी से इसको जोड़कर किये जाने की जरूरत है। ताकि पर्यटकों को यहां प्रकृति, संस्कृति और समाज से साक्षात्कार का मौका मिल पाये। इसी तरह की सोच को लेकर चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने पहल की है। उन्होंने ‘बाखली’ नाम से सरकारी होम स्टे की शुरुआत की है। इस प्रसास से जहां स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा, वहीं स्थानीय युवाओं को भी इस तरह के प्रयासों के लिये प्रेरणा मिलेगी।

क्या है बाखली
बाखली होम स्टे को पहाड़ी शैली में तैयार किया गया है। बाखली यानि पहाड़ के कताबद्ध घर जो एक दूसरे से जुड़े हों। होम स्टे की शुरुआत चमोली के जिलासू से शुरू की गई है। जिला योजना के तहत इस काम की शुरुआत की गई है। इस काम के लिये विगत वर्ष जिला योजना से इसके लिए पर्यटन विभाग को बजट आंवटित किया था। पर्यटन विभाग द्वारा यहां पर पहाड़ी शैली में दो कमरों का सुंदर होम स्टे तैयार किया है। इसमें एक दिन में चार लोग ठहर सकते हैं। इस होम स्टे को एकीकृत आजीविका परियोजना से जुड़े मां चण्डिका स्वायत्त सहकारिता समूह संचालित करेगा।

बाखली होम स्टे के जरिये स्थानीय लोगों को रोजगार और स्थानीय उत्पादों की बिक्री का बाजार भी मिलेगा। यहां पर आने वाले पर्यटक जिलासू, लंगासू और इसके आसपास परम्परागत पहाड़ी खेती से भी रूबरू होंगे और ग्रोथ सेंटर से स्थानीय उत्पादों की खरीददारी कर सकेंगे। होम स्टे में पर्यटकों के लिए पहाड़ी व्यंजनों का खास मैन्यू तैयार किया गया है। यहां पर पर्यटक मंडवे की रोटी, चैसा, फाणू, छाछ, बद्री-घी, स्थानीय दाल व सब्जियों, तिल्ल की चटनी आदि पहाड़ी व्यंजनों का लुफ्त उठा सकते है। स्थानीय लोग यहां ग्रोथ सेंटर के माध्यम से अपने लोकल उत्पादों को बेचकर अच्छी आजीविका कमा सकेंगे।

कैसे करें बुकिंग
जिला पर्यटन विकास अधिकारी वृजेन्द्र पांडेय ने बताया कि उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद में जल्द ही होम स्टे का रजिस्ट्रेशन हो जाएगा, लेकिन फिलहाल यहां पर आने के इच्छुक पर्यटक मोबाइल नंबर 9536376331 पर संपर्क कर बुकिंग ले सकते हैं।

कैसे पहुंचे और कब पहुंचे
बद्रीनाथ हाईवे पर कर्णप्रयाग से लगभग 8 किलोमीटर नंदप्रयाग की ओर नदी किनारे बसा जिलासू एक सुंदर गांव है। यहां पर अलकनंदा नदी का सुंदर एवं विहंगम नजारा दिखता है। जिला प्रशासन ने यहां पर ग्रामीण हॉट, आयुर्वेदा अस्पताल में पंचकर्मा सुविधा एवं मेडिटेशन सेंटर की व्यवस्था बनाई है। यहां पर रिवर बीच का भी सौंदर्यीकरण किया जा रहा हैं। यहां आप पूरे सालभर आ सकते हैं। यदि आप यहां के झरनों, हरियाला और फूलों का दीदार करना चाहते हैं तो आप जुलाई से अक्टूबर तक कभी भी आ सकते है।