उत्तराखंड में एक और आपदा
hys_adm | February 7, 2021 | 0 | देश-दुनिया , नया-ताजा , पहाड़ की बात
उत्तराखंड में एक और आपदा आई है। आमतौर पर बरसात के मौसम में आपदा का दंश झेलने वाले पहाड़ी राज्य को इस बार सर्द मौसम में भी सितम झेलना पड़ा है। उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर फटने से नदी उफान पर आ गई, जिससे यह तबाही मची है। ग्लेशियर उत्तराखंड के चमोली जिले के रेणी गांव के नज़दीक टूटा है। एवलांच के बाद चमोली जिले के अंर्तगत ऋषिगंगा नदी पर रैणी गांव में निर्माणाधीन 24 मेगावाट के हाईड्रो प्रोजेक्ट का बैराज टूट गया। मलबा और पानी का तेज बहाव धौलीगंगा की ओर बढ़ा। नतीजतन रैणी से करीब 10 किमी दूर तपोवन में धौलीगंगा नदी पर निर्माणाधीन 520 मेगावाट की जल-विद्युत परियोजना का बैराज भी टूट गया। इसके बाद हालात बिगड़ गए।
कब क्या हुआ
रविवार को सुबह करीब साढ़े दस बजे चमोली जिले के ऋषिगंगा नदी में हिमखंड टूटने से नदी ने रौद्र रूप ले लिया। पौने 11 बजे रेणी गांव में ऋषिगंगा-2 हाईड्रो पावर प्रोजेक्ट का एक बड़ा हिस्सा तोड़कर पानी का सैलाब आगे बढ़ा। करीब सवा 11 बजे ऋषिगंगा-1 और देवडी बांध को क्षतिग्रस्त कर बहाव आगे बढ़ा। सुबह साढ़े 11 बजे धौलीगंगा और ऋषिगंगा के संगम के बाद अलकनंदा नदी का पानी तपोवन पहुंचा। तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना को भारी नुकसान कर सैलाब आगे बढ़ा। सुबह 11:45 बजे जोशीमठ को पार कर विष्णुगाड़-पीपलकोटी परियोजना तक बाढ़ का पानी पहुंचा। दोपहर 12.12 बजे चमोली को पार कर पहुंचा पानी नंदप्रयाग। दोपहर 1:00 बजे कर्णप्रयाग पार करने के बाद पानी के बहाव में कमी आई।
राहत और बचाव कार्य जारी
राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक का तंत्र राहत और बचाव कार्य में लगा हुआ है। पहली कोशिश जान-माल के नुकसान को कम करने की है। राज्य की एसडीआरएफ, केंद्र की एनडीआरएफ, आईटीबीपी, एयरफोर्स और सेना की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी चमोली जिले के तपोवन (जोशीमठ) इलाके में पहुंच गए हैं और स्थिति की जायजा ले रहे हैं। ताजा जानकारी के अनुसार ऋषिगंगा हाईड्रो पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाह हो गया है, जबकि धौलीगंगा पर बने हाईड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूट गया। जब यह हादसा हुआ, तब दोनों प्रोजेक्ट पर काफी संख्या में मजदूर कार्य कर रहे थे। इस हादसे में करीब 150 लोगों के मरने की आशंका है। जबकि 10 लोगों के शव बरामद किए गए हैं। आईटीबीपी ने तपोवन में टनल में फंसे सभी 16 लोगों का रेस्क्यू कर लिया है।
सीमावर्ती इलाकों के पुल तबाह
मलारी के पास एक सीमा सड़क संगठन पुल बाढ़ से बह गया है। महानिदेशक बीआरओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने अधिकारियों को जल्द से जल्द इसे बहाल करने के निर्देश दिए हैं। दुकानों और कर्मियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है। बता दें कि यह इलाका चीन सीमा से भी लगा है। राहत की बात यह है कि गंगा की सहायक नदी अलकनंदा का बहाव धीरे-धीरे नियंत्रित हो रहा है। कर्णप्रयाग तक नदी का बहाव खतरे के निशान से नीचे था।
युद्धस्तर पर जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन
भारतीय नौसेना के गोताखोर टीमें उत्तराखंड में राहत-बचाव ऑपरेशन के लिए स्टैंडबाय पर हैं। एसडीआरएफ की सात टीमें रेस्क्यू में जुटीं हुई हैं। खुद सेनानायक ने कमाल संभाली है। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि एनडीआरएफ की तीन टीमें उत्तराखंड पहुंच गई हैं। अधिक टीमें दिल्ली से उत्तराखंड के लिए रवाना होने के लिए तैयार हैं। आईटीबीपी के जवान भी हैं। मैं उत्तराखंड के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि मोदी सरकार इस कठिन समय में उनके साथ खड़ी है। मदद को और भी बढ़ाया जाएगा।
मोदी का ट्वीट, उत्तराखंड के साथ खड़ा देश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, उत्तराखंड में आपात स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं। देश उत्तराखंड के साथ खड़ा है और राष्ट्र सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता है। वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार बात की जा रही है और एनडीआरएफ की तैनाती, बचाव कार्य और राहत कार्यों की लगातार जानकारी ली जा रही है। गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, ‘इस संबंध में सीएम त्रिवेंद्र रावत से बात की गई है। डीजी आइटीबीपी और डीजी एनडीआरएफ से भी बात की गई है। सभी संबंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। एनडीआरएफ बचाव कार्य के लिए निकल गई है। देवभूमि को हर संभव मदद दी जाएगी।