मंग्ल्यौर! पहाड़ में इनके बिना अधूरे हैं शुभकार्य…
hys_adm | September 27, 2020 | 0
इसको चाहत, प्रेम या समर्पण क्या नाम दें! शायद इसको शब्दों में बयां करना मुश्किल है। यह तो बस फना होने जैसा है, जिसमें किसी एक के बिना दूसरे के अस्तित्व की कल्पना करना बेमानी है। यही सब बरबस मन में […]