Himalaya Lovers - पहाड़ की बात

राजी रहो मेरे खेल खिलाड्यों, अब आऊंगी दूसरे…

hys_adm | August 9, 2020 | 0

ठंड कम होने के साथ ही उत्सवधर्मी पहाड़ और पहाड़ी समाज इस पल को उत्सवों में बदलने की कोई कसर नही छोड़ता है। जंगल बुरांश, मेहल, प्यूली के फूलों से लकदक होते हैं तो चीड़ अपने परागण से पूरी धरती को […]

क्या तुम्हे भी भाते हैं ये नीले गुलमोहर…

hys_adm | August 9, 2020 | 1

गोपेश्वर से जैसे चमोली के लिये मोटरसाइकिल पर जाता हूं तो सड़क पर गुलमोहर के खूब सारे नीले-नीले फूल बिखरे होते हैं। लगता है, इस अजनबी शहर में कोई तो है जो हमारी राह में फूल बिछाये खड़ा है कि आओ […]

बचपन! खेल, असंवेदना से संवेदना की जात्रा!

hys_adm | August 9, 2020 | 0

फ्लाई की फोटो देखते ही बरबस बचपन याद आ जाती है। बचपन में पानी वाली जगहों के किनारे इनको पकड़ते के लिये दौड़ना आम होता है। कभी कभी इनको धागा बांधकर उड़ाते थे। इस प्रक्रिया में हम आसमान में यदा-कदा दिखने […]

पहाड़ी माल्टा मतलब, स्वाद और सेहत से भरपूर

hys_adm | August 9, 2020 | 0

पहाड़ी इलाकों में होने वाले माल्टा और खटाई (पहाड़ी नींबू) का स्वाद हर उत्तराखंडी जानता है। ये देश और दुनिया के लोगों को भी अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है। सर्दियों के वक्त विटामिन सी से भरपूर ये फल पैदा होता […]

लोकगीतों, कहानियों और किस्सों में रचाबसा नाम हिंसर

hys_adm | July 19, 2020 | 0

प्रकृति ने पहाड़ों को दिल खोल कर उपहार दिये हैं। देखिये न यहीं उपहार यहां के जंगलों में भांति-भांति के फल, फूल और कंद-मूल के रूप में बिराजमान हैं। आप यहां के जंगलों में बारहों महीने कुछ न कुछ फलते-फूलते देख […]

चमोली जिले में एक और चिपको आंदोलन हुआ…

hys_adm | July 19, 2020 | 0

चमोली जिले के कड़ाकोट क्षेत्र के डुंग्री में उद्यान विभाग द्वारा प्रस्तावित सेब और आलू के बगीचे के लिए 100 एकड़ जंगल को काटकर इसमें नर्सरी बनाई जानी थी। गांव से लगे जंगल से ग्रामीणों की जरूरतें पूरी होती थीं। इसलिए […]

लोककथा : बारिश के बुलबुले

hys_adm | July 19, 2020 | 0

बात उन दिनों की है जब देश में लोग लम्बी लम्बी यात्राएं पैदल तय किया करते थे। यातायात के साध्न बहुत कम थे पहाड़ों में लोग अपने जीवनोपयोगी आवश्यकताओं की चीजें लेने गांवों से कई सौ किलोमीटर दूर शहरों में जाया […]

उम्मीदों और आकर्षण का नाम मध्य हिमालय

hys_adm | July 19, 2020 | 0

प्रकृति ने मध्य हिमालय को अपनी बेपनाह खूबसूरती से नवाजा है। इसका दीदार करने के लिये दुनियाभर के सैलानी, लेखक, चिंतक और पर्यावरणविद् सदियों से आते रहे हैं। यह मध्य हिमालय का आकर्षण ही है कि काका कालेकर, गांधी,राहुल सांकृत्यायन, बाबा […]

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VIdeo : जिन्होंने तोड़ा था तोताघाटी की चट्टानों का गुरूर

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